• कबीर साहेब प्रकट उत्सव : 101 जोड़ों की हुई शादी, 13 एकड मे लगा पंडाल, देशभर से पहुचें लाखों लोग, ड्रोन केमरे से हुई निगरानी
09-06-2017, रोहतक : कबीर साहेब प्रकट उत्सव कार्यक्रम में जहां संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी और अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारी सरकार को कोसते हुए नजर आए, वहीं कार्यक्रम में 100 जोड़ों की शादी भी कराई गई। संत रामपाल जी महाराज के रिकॉर्ड किए हुए 17 मिनट के मंत्रों से यह सभी शादी सामूहिक रूप से कराई गई। कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि उनके पास 250 के करीब शादी के रजिस्ट्रेशन कराए गए थे, लेकिन शुक्रवार को केवल 100 जोड़ों का ही विवाह कराया गया। अब बाकि 150 जोड़ों का विवाह दिल्ली मुंडका में जल्द ही एक कार्यक्रम में कराया जाएगा।
भारत के मंत्रों से शादी होना जीवन सफल होना
मूल रूप से नेपाल के काठमंडू के रहने वाले नारायणदास ने बताया कि वह बचपन से जापान में रहता है। वह जापान से ही बिजनेस मैजेमेंट का कोर्स कर रहा है। जापान की एआरएमएस नागोस यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली सरिता से नारायणदास की करीब छह माह पूर्व मुलाकात हुई। सरिता भी मूल रूप से नेपाल के शाकतपुर जिले की रहने वाली है। दोनों के परिजन रामपाल के अनुयायी है। दोनों की जाति अलग-अलग होने के कारण, वह संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी निकले और शादी के लिए राजी हो गए। इसके बाद दोनों के परिजनों ने निर्णय लिया कि रामपाल के मंत्रों से ही वह शादी करेंगे। शुक्रवार को रोहतक में उनकी शादी कर दी गई।
नेपाल मूल देश, जापान में पढ़ाई और भारत में शादी
नारायणदास का कहना है कि वैसे तो वह मूल रूप से नेपाल के रहने वाले हैं, लेकिन जापान में पढ़ाई कर रहा हूं। इसी तरह का जवाब सरिता का था। दोनों का कहना था कि वह खुशकिस्मत है कि वह तीन देशों से जुड़े हुए है। उन्होंने कहा कि भारत में शादी होना हमारे लिए बेहद खुशी की बात है। नारायणदास बताते है कि यदि उन्हें मौका मिला तो वह भारत में ही बिजनेस करेंगे और अपने परिवार का नाम रोशन करेंगे।
इन जोड़ों की हुई शादी
संजय हिमाचल- डोली पुरानी दिल्ली, दीपक सोनीपत-प्रियंका-कुंडली, दुष्यंत छत्तीसगढ़-गायत्री छत्तीसगढ़ दुर्ग, राजेश एमपी नर्सिंगपुर-राजो एमपी सागर, अमित शिमला-पूजा सोलन, राजू महाराष्ट्र-सरिता मध्यप्रदेश, जयप्रकाश राजस्थान-प्रवीण सिरसा, भोला गुप्ता मुंबई-वर्षा गुप्ता मलाड़ आदि 100 जोड़ों की शादी मंच पर कराई गई। यह शादियां 17 मिनट में कराई गई।
अनुशासन में दिखे अनुयायी
भले ही पुलिस विभाग की तरफ से कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए 1100 पुलिसकर्मी लगाए हुए थे, लेकिन कार्यक्रम में पुलिसकर्मी नहीं दिखे। खुद ही संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी सुरक्षा की कमान संभाले हुए थे। हालांकि ट्रैफिक को पुलिस देख रही थी। वहीं संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी खुद वोलंटियर का काम कर रहे थे।
अपनों से बिछड़े 14 बच्चे, परिवारवालो से मिलाये गये
शुक्रवार को कबीर साहिब प्रकट उत्सव कार्यक्रम में उस समय हड़कंप मच गया, जब बच्चे घूमते हुए स्टेज के पास पहुंच गए और अपने परिजनों की तलाश के लिए आयोजकों से बताया। इसके बाद बच्चों को उस कैमरे के सामने लाया गया, जिससे कई स्क्रीन पर लोग दिख रहे थे। काफी जद्दोजहद के बाद बच्चों के परिजन मिल सके। वहीं कई बच्चे देर शाम तक भी अपनों से नहीं मिले थे।
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के ये पदाधिकारी रहे मौजूद
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय महासचिव अशोक बल्हारा, जिला महासचिव कृष्ण लाल हुड्डा, पवन जसिया, सोमबीर जसिया आदि लोग कार्यक्रम में पहुंचे और उन्हें स्टेज पर बैठाया गया। यहीं नहीं उन्होंने रामपाल का समर्थन करते हुए कहा कि वह हर समय उनका साथ देंगे। क्योंकि उन्होंने आरक्षण के दौरान उनका साथ दिया था।
रेहड़ी वालों की कटी चांदी
कार्यक्रम के दौरान पशु मेला ग्राउंड के आस-पास लगभग 200 रेहड़ी लगी थी। रेहड़ी चालक सोमबीर, मनोज, अभिषेक आदि ने बताया कि उन्होंने बृहस्पतिवार की सुबह ही अपनी रेहड़ी यहां पर लगा ली थी। कोई गन्ने का जूस बेचता हुआ नजर तो कोई चाऊमीन। यहीं नहीं गोल गप्पे वाले की चांदी कट रही थी। रेहड़ी चालक सोनू ने बताया कि उनकी मेहनत सफल रही और काफी कमाई हुई है।
महिला स्वयं सेवकों ने भी संभाली कमान
महिला स्वयं सेवकों ने भी कार्यक्रम में कमान संभाले रखी। महिला सेवक सुमनदास, रोजीदास, अंजुमन, सरिता, मोनिका आदि ने बताया कि वह लोग बृहस्पतिवार की रात ही कार्यक्रम में पहुंच गए थे। शुक्रवार को भी वह कार्यक्रम में महिलाओं की सेवा करते हुए नजर आई।
हमारा कार्यक्रम एकदम सफल रहा। भीड़ को संभालने की जरूरत नहीं पड़ी। सभी लोग अनुशासन में रहे। बाहर से आए हुए लोग कुछ जा चुके हैं और कुछ शनिवार की शाम तक चले जाएंगे। पांच बजे हमारा कार्यक्रम खत्म हो गया था।
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