• क्या गीता जी का नित्य पाठ करने का या दान करने का कोई लाभ नहीं ?
प्रश्न – क्या गीता जी का नित्य पाठ करने का कोई लाभ नहीं ? जो दान करते हैं जैसे कुत्ते को रोटी, भूखे को भोजन, चिटियों को आटा, तीर्थों पर भण्डारा आदि करते हैं, क्या यह भी व्यर्थ है?
जब तक पूर्ण संत जो पूर्ण परमात्मा की सत साधना बताने वाला नहीं मिले तब तक पाप नाश (क्षमा) नहीं हो सकते, क्योंकि ब्रह्मा, विष्णु, महेश, ब्रह्म (क्षर पुरुष/काल) तथा परब्रह्म (अक्षर पुरुष) की साधना से पाप नाश (क्षमा) नहीं होते, पाप तथा पुण्य दोनों का फल भोगना पड़ता है। यदि वह प्राणी गीता ज्ञान अनुसार पूर्ण संत की शरण प्राप्त करके पूर्ण परमात्मा की साधना करता तो या तो सतलोक चला जाता या दोबारा मनुष्य शरीर प्राप्त करता। पूर्व पुण्यों के आधार से फिर कोई संत मिल जाता है। वह प्राणी फिर शुभ कर्म करके पार हो जाता है।
विडियोज देखने के लिये आप हमारे Youtube चैनल को सब्सक्राइव करें ।