01 पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। – ऋग्वेद
ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 – 3
02 परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है – यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13
– यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13
कबीर साहिब कहते हैं –
कबीर,जबही सत्यनाम हृदय धरयो,भयो पापको नास।
मानौं चिनगी अग्निकी, परी पुराने घास।।
मानौं चिनगी अग्निकी, परी पुराने घास।।
03 परमात्मा साकार है व सहशरीर है – यजुर्वेद
है
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 – 3 (प्रभु रजा के समान दर्शनिये है)
04 वास्तविक गायत्री मंत्र। – यजुर्वेद
यजुर्वेद अध्याय 36 मंत्र 3
भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि, धीयो यो न: प्रचोदयात्।
वेद मंत्र में कहीं भी ॐ नहीं लिखा है। ये अज्ञानी संतो की अपनी सोच से लगाया गया है।
वेद मंत्र में कहीं भी ॐ नहीं लिखा है। ये अज्ञानी संतो की अपनी सोच से लगाया गया है।
Sat Sahib
LORD KABIR