कल दोपहर 12:40 PM पर गुरुमाता ( भक्तमति ईन्द्रा जी ) का सतलोक गमन हो गया है ।
यही वो महास्त्री थी जिनकी कोख से जगत के तारणहार परमसंत सतगुरू रामपाल जी महाराज जी का जन्म हुआ ।
08 सितम्बर 1951 को परमात्मा इस मृत्युलोक में आये थें ।
परमात्मा ने ये संन्देश भक्तमती इन्दर्ओ देवी के सतलोक जाने के 40 दिन पहले ही भेज दिया था ।
माताजी को सत् साहेब,भक्तमति ईन्द्रोदेवी, आप परमात्मा की विशेष अच्छी आत्मा हो , जिसके गर्भ से इस दास को जीवन मिला । जिसके कारण लाखो, करोडो, अरबों, खरबो प्राणियो का कल्याण होगा । उनको अपना छुटा हुआ घर मिलेगा । सतलोक सब का घर है । वहाँ जाने के बाद ये सब प्राणी उन सुख को पाकर जो आत्मा से दुआ देंगे कहेंगे की धन्य हो वो जननी ( ईन्द्रोदेवी ) जिसकी कोख से ऐसा महापुरूष जन्मा, जिसने अपने उपर कष्ट झेल कर हमारे को सुरक्षित-सुखी किया हम किस किमत से तुम माँ – बेटों का आभार करें ।हम केवल आत्मा से धन्यवाद ही कर सकते है । हे माताजी ! आपको साथ लेकर सतलोक छोड कर आयेंगे । चिन्ता मत करना परमात्मा आगे खडे मिलेंगे । सत् साहेब