संत रामपाल जी महाराज के समर्थक देख बीच में ही कार्यक्रम छोड़ भागे खट्टर
-तिरंगा यात्रा में शामिल होने आए थे सीकर।
-संत रामपाल जी महाराज
के समर्थकों ने की सीबीआई जांच की मांग।
तिरंगा यात्रा में शामिल होने आए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा। सीकर के जाट बाजार में हुए कार्यक्रम में उनके साथ स्थानीय लोकसभा सांसद सुमेधानंद भी मौजूद थे। यहां पर कार्यक्रम शुरू होते ही भीड़ में मौजूद संत रामपाल के समर्थकों ने खट्टर को न्याय की मांग को लेकर ज्ञापन देना चाहा, जिसपर उनके हाथ-पांव फूल गए। भीड़ में मौजूद रामपाल जी महाराज के समर्थकों के अचानक खड़ा होने और नारेबाजी के चलते खट्टर कुछ देर के लिए वे बोलते बंद हो गए।
एकाएक हुए इस घटनाक्रम को मंच पर मौजूद सीएम खट्टर और सांसद सुमेधानंद समझ ही नहीं पाए। असल में संत रामपाल जी महाराज के समर्थक सामान्य लोगों की तरह भीड़ में जमा हो गए थे। उन्होंने रणनीति के तहत सारा कार्य किया। गुप्तचर और सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी से बचकर रामपाल जी महाराज के समर्थकों के कार्यक्रम में पहुंचने का किसी को अंदाजा भी नहीं था। यकायक अपने बैग में से पर्चे लहराते हुए रामपाल जी महाराज के समर्थकों ने सीएम को ज्ञापन दिया और मामले में सीबीआई जांच की मांग की। दरअसल, हरियाणा के सीएम खट्टर कई बार न्याय की मांग कर रहे संत रामपाल जी महाराज के समर्थकों से घिर चुके हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हो हुआ है कि राजस्थान में आए और यहां भी उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। अचानक हुए विरोध के बाद खट्टर ने बीच में कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आव्हान पर देशभर में चल रही तिरंगा यात्रा में शामिल होने आए खट्टर का विरोध देख स्थानीय प्रशासन सकते में आ गया, लेकिन रामपाल जी महाराज के समर्थकों की ओर से किसी तरह की हिंसक गतिविधि नहीं होने पर पुलिस और प्रशासन की जान में जान आई।
यूं चला पूरा घटनाक्रम:
दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सीकर जिले के कटराथल
से तिरंगा यात्रा को रवाना करने के लिए आए थे। यहां पर जैसे ही वे सीकर के जाट बाजार
में जनसभा को संबोधित करने लगे उसी दौरान संत रामपाल के समर्थकों ने हंगामा कर दिया। संत रामपाल जी महाराज के समर्थकों ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए सीएम खट्टर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। रामपाल जी महाराज के समर्थकों का कहना था कि अगर संत दोषी हैं तो सरकार सीबीआई की जाच से क्यों डरती है। उन्होंने रामपाल जी महाराज पर लगाए गए देशद्रोह के मुकदमे को वापस लेने की मांग भी की। बिगड़ती स्थिति को देख हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन को संक्षिप्त करते हुए देशभक्ति पर बोलने लगे। और इसके थोड़ी देर बाद ही अपना भाषण समाप्त कर दिया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने समर्थकों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं
मानें।