• संत रामपाल जी महाराज पर दर्ज मर्डर केस में मुकरे दोनों गवाह, पुलिस पर उठे सवाल
सतलोक आश्रम के मुखिया संत रामपाल जी महाराज पर दर्ज मर्डर केस में दो गवाह मुकर गए हैं। एडीजे अजय पराशर की कोर्ट में दोनों गवाह ने कहा कि हमारी मां का मर्डर करने वालों में संत रामपाल जी महाराज सहित 15 लोगों में से कोई नहीं है, जिन पर आरोप लगाया गया है। मां संतोष की मौत का कारण ये लोग नहीं, बल्कि पुलिस रही है। क्योंकि पुलिस ने उन्हें आश्रम से बाहर नहीं निकलने दिया। पुलिस ने दबाव बनाकर बयान लिखवाए थे। उधर, संत रामपाल जी महाराज की पेशी की सूचना पर संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी शहर में आए हुए थे। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे अनुयायियों को पुलिस पूरा दिन इधर से उधर खदेड़ती रही।
⇨ संत रामपाल जी महाराज को भी वीसी के जरिये गवाह दिखाये
रोहतक के भगवतीपुर निवासी पवन और संदीप को उनकी मां संतोष के मर्डर मामले में गवाह बनाया हुआ था। कोर्ट में दोनों के सामने राजकपूर, सतबीर बलजीत, वीरेंद्र, बबीता, पूनम सहित उन 15 को सामने लाया गया। यहां तक की वीसी के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज को भी उनके सामने लाया गया, लेकिन दोनों ने साफ बोल दिया कि इनमें से कोई नहीं है। पुलिस के दबाव में आकर उन्होंने बयान दिया था।
⇨ 22 मई को होगी अगली पेशी
कोर्ट में मुकदमा नंबर 429 में पेशी थी। कोर्ट में 15 लोगों को सामने लाया गया। मृतका संतोष के दोनों बेटों की सोमवार को गवाही थी। दोनों ने उनको मर्डर मामले में शामिल न होने बात बोल दी। कोर्ट ने इस मामले में अब 22 मई को अगली सुनवाई की तारीख दी है। सतलोक आश्रम प्रकरण में वर्ष 2014 में छह लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में संत रामपाल जी महाराज सहित कई लोगों पर हत्या का झुठा केस किया था। मेडिकल रिपोर्ट में मौत का कारण दम घुटने से बताया गया था।
पुलिस ने मृतका संतोष और अन्य के परिजनों से ये झुठा आरोप लगवाया था कि संत रामपाल जी महाराज के कहने पर खास सेवकों ने उन्हें कमरे में बंद कर दिया। दम घुटने इनकी मौत हो गई। मौत के बाद मृतकों को बाहर लाकर फेंक दिया।
लेकिन अब गवाहो ने सच को सामनें ला दिया हैं ।
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