आरक्षण की मांग कर रहे जाट अब नहीं घेरेंगे संसद, हरियाणा सीएम से वार्ता के बाद किया फैसला
जाट नेताओं ने कहा कि हम लोगों ने सरकार से समझौते के बाद अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया है।
जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने जाट आरक्षण की मांग को लेकर सरकार और आंदोलनकारियों के बीच समझौता वार्ता सफल होने के बाद दिल्ली कूच का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज यहां जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि सरकार पांच मुख्य मांगों को समयबद्ध तरीके से पूरा करेगी। बातचीत में केन्द्र सरकार की तरफ से शामिल केन्द्रीय इस्पात मंत्री चौधरी वीरेन्द्र सिंह और विधि राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने केन्द्रीय स्तर पर जाटों को आरक्षण देने की राह में आ रही बाधाओं को दूर करने का भरोसा दिलाया।
जिन पांच मांगों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर सहमति बनी है उनमें राज्य सरकार द्वारा उच्च न्यायालय का फैसला आते ही आरक्षण देने संबंधी विधेयक को लागू करना, आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की समीक्षा कर उन्हें वापस लेना, आंदोलन में मारे गए या विकलांग हुए लोगों के आश्रितों को स्थायी नौकरी देना, घायलों को मुआवजा देना और आंदोलनकारियों के खिलाफ इरादतन कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है।
video link:-
https://youtu.be/oen_vNm445Q
हालांकि खट्टर ने सीबीआई में दर्ज मामलों को वापस लेने के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार साल 2010 से 2017 के बीच दर्ज सभी मुकदमों की समीक्षा करेगी।
इस बीच मलिक ने कहा कि 50 दिनों से चल रहे आंदोलन में पांच दौर की बातचीत के बाद यह अहम पड़ाव आया है। सरकार द्वारा निश्चित समय में उनकी मांग पूरी करने का भरोसा मिलने पर सोमवार को प्रस्तावित दिल्ली कूच का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाणा में कुछ स्थानों पर सांकेतिक धरना जारी रहेगा। अगले एक सप्ताह तक सरकार के आश्वासन पर अमल होने की समीक्षा की जाएगी और इसके आधार पर 26 मार्च को संगठन की कार्यकारिणी की बैठक में समूचे हरियाणा से आंदोलन खत्म करने का फैसला किया जाएगा।
इस दौरान केन्द्रीय विधि राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि केन्द्रीय स्तर पर जाट समुदाय को पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा पर ही आरक्षण दिया जा सकता है। इसके लिए आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की जल्द नियुक्ति कर सरकार आरक्षण संबंधी जरूरी प्रक्रिया पूरी करेगी।
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