पंजाब & हरियाणा हाइकोर्ट का एक और तानाशाही फरमान, संत रामपाल जी महाराज की जमानत की याचिका ख़ारिज।
आश्रम प्रबंधन ने कहा मुलभुत अधिकारों का हनन।
संत रामपाल जी महाराज जी की माता जी का पिछले हफ्ते सतलोक वास हुआ है, इसलिए सोनीपत में पाठ पूजा में शामिल होने की अपील दायर की गयी थी। हरियाणा के लोग भी हैरान हैं की फैसला सुनाते वक्त आखिर मानवता का ध्यान क्यों नही रखा।.
सत्-साहेब
सारी संगत दुखी है आज इस कोर्ट के फैसले से ऐसा महसूस हो रहा कि जैसे हमारा कोई खो गया हो बरवाला कांड 2014 के बाद आज पूरी संगत में जैसी तड़प हमारी इन 2 घण्टो में थी ऐसी तड़प हरपल होनी चाहिए। पुन आत्माओं परमात्मा ही आना नही चाहते वरना परमात्मा को कोई आने से नही रोक सकता..
हम भगतो की भगती मे वो कसक तडप नही है जो परमात्मा को बुला सके..
अब तो वो अपना मिशन पूरा करके ही आयेगे.
भगतजी परमात्मा 3 दिन के लिए नही आना चाहते अब वो हमेशा के लिए जमानत पर आएंगे इसलिए कोर्ट और सरकार को हिला कर रख दिया इन तीन दिनो में अब जज को अगली जमानत पर मालिक की मर्जी से ही जमानत देनी पड़ेगी 3 दिन में परमात्मा ने जज से कबूल करवा दिया की रामपाल जी कोई आतंकवादी नही है ।
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