पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वीकारा कि संत रामपाल जी महाराज अपराधी नहीं, स्थानीय मीडिया कर रहा है लोगों को गुमराह।
चंडीगढ,10 दिसम्बर 2016
मीडिया, संत रामपाल जी महाराज की जनहित याचिका को लेकर समाज में बता रहा गलत तथ्य।
देशवाशियों,
पिछले कुछ समय से संत रामपाल जी महाराज की जनहित याचिका पर आपको गलत तथ्य बताये जा रहे हैं, संत रामपाल जी महाराज गीता जयंती या गीता का विरोध नही कर रहे, बल्कि संत रामपाल जी महाराज गलत अनुवादित गीता का विरोध कर रहे हैं जिसको करोड़ो रूपये खर्च करके प्रचारित किया जा रहा है।
मामले हरियाणा सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव जो की कुरुक्षेत्र में आयोजित हो रहा है उसके खिलाफ संत रामपाल जी महाराज ने हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा कि देश की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ ये आयोजन क्यों किया जा रहा है ?
और रामपाल जी महाराज के वकील ने कहा कि इससे जनता के पैसों का नुकसान होगा एवं जिस गीता का प्रचार-प्रसार कुरुक्षेत्र आयोजन में किया जा रहा है वह त्रुटि पूर्ण है उस गीताजी के अनुवाद में तमाम खामियां संत रामपाल जी महाराज के द्वारा अनुवादित पुस्तक गीता तेरा ज्ञान अमृत में साफ-साफ किया गया एवं याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट के 2 केसों की जानकारी हाईकोर्ट में दाखिल की जिसमें आपराधिक केस के तहत आरोपियों की ओर से दायर याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने भी नोटिस जारी किए गए थे।
इसके अलावा वार्षिक वित्तीय स्टेटमेंट मनी बिल पर भी महोत्सव को लेकर खर्च कम करने खर्च रकम पर सवाल खड़े किए गए।
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