गीताजी का ज्ञान दाता ब्रह्म भी जन्म मृत्यु में है, देखिये प्रमाण

Share this Article:-
5/5 - (12 votes)

गीताजी का ज्ञान दाता ब्रह्म भी जन्म मृत्यु में है, देखिये प्रमाण।

अध्याय 2 का श्लोक 12

न, तु, एव, अहम्, जातु, न, आसम्, न, त्वम्, न, इमे, जनाधिपाः,
न, च, एव, न, भविष्यामः, सर्वे, वयम्, अतः, परम्।।12।।
.
अनुवाद: (न) न (तु) तो ऐसा (एव) ही है कि (अहम्) मैं (जातु) किसी कालमें (न) नहीं (आसम्) था अथवा (त्वम्) तू (न) नहीं था अथवा (इमे) ये (जनाधिपाः) राजालोग (न) नहीं थे (च) और (न) न ऐसा (एव) ही है कि (अतः) इससे (परम्) आगे (वयम्) हम (सर्वे) सब (न) नहीं (भविष्यामः) रहेंगे। (12)

naam diksha ad

अध्याय 2 का श्लोक 17

अविनाशि, तु, तत्, विद्धि, येन्, सर्वम्, इदम्, ततम्,
विनाशम्, अव्ययस्य, अस्य, न, कश्चित्, कर्तुम्, अर्हति।।17।।

अनुवाद: (अविनाशि) नाशरहित (तु) तो तू (तत्) उसको (विद्धि) जान (येन्) जिससे (इदम्) यह (सर्वम्) सम्पूर्ण जगत् दृश्यवर्ग (ततम्) व्याप्त है। (अस्य) इस (अव्ययस्य) अविनाशीका (विनाशम्) विनाश (कर्तुम्) करनेमें (कश्चित) कोई भी (न, अर्हति) समर्थ नहीं है।। (17)

अध्याय 4 का श्लोक 5 (भगवान उवाच)

बहूनि, मे, व्यतीतानि, जन्मानि, तव, च, अर्जुन,
तानि, अहम्, वेद, सर्वाणि, न, त्वम्, वेत्थ, परन्तप।।5।।

अनुवाद: (परन्तप) हे परन्तप (अर्जुन) अर्जुन! (मे) मेरे (च) और (तव) तेरे (बहूनि) बहुत-से (जन्मानि) जन्म (व्यतीतानि) हो चुके हैं। (तानि) उन (सर्वाणि) सबको (त्वम्) तू (न) नहीं (वेत्थ) जानता किंतु (अहम्) मैं (वेद) जानता हूँ। (5)

अध्याय 4 का श्लोक 9

जन्म, कर्म, च, मे, दिव्यम्, एवम्, यः, वेत्ति, तत्त्वतः,
त्यक्त्वा, देहम्, पुनः, जन्म, न, एति, माम्, एति, सः, अर्जुन।।9।।
.
अनुवाद: (अर्जुन) हे अर्जुन! (मे) मेरे (जन्म) जन्म (च) और (कर्म) कर्म (दिव्यम्) दिव्य अर्थात् अलौकिक हैं (एवम्) इस प्रकार (यः) जो मनुष्य (तत्त्वतः) तत्वसे (वेत्ति) जान लेता है (सः) वह (देहम्) शरीरको (त्यक्त्वा) त्यागकर (पुनः) फिर (जन्म) जन्मको (न,एति) प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते (माम्) मुझे ही (एति) प्राप्त होता है। (9)

Youtube पर हमारे चैनल को Subscribe करें ।

https://youtube.com/c/BantiKumarChandoliya
LORD KABIR

 


Share this Article:-
Banti Kumar
Banti Kumar

📽️Video 📷Photo Editor | ✍️Blogger | ▶️Youtuber | 💡Creator | 🖌️Animator | 🎨Logo Designer | Proud Indian

Articles: 375

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


naam diksha ad