Category Reality Of Maharshi Dyanand

दयानंदभाष्य खंडनम् – दयानन्द की मुर्खता की पोल-खोल (भाग-05)

दयानंदभाष्य खंडनम् (महाधुर्त दयानंद) जब लाखों करोड़ों धुर्त मरते है तब कहीं जाकर एक महाधुर्त पैदा होता है । भारत के इतिहास में आज तक इतना बड़ा धुर्त किसी ने नहीं देखा दयानंद ने मेक्समूलर के भाष्य को Copy कर…

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नर्सी भगत की हुंडी के पैसे कृष्ण जी ने नही बल्कि किसी साहुकार ने दिये होगे-दयानंद

नर्सी भगत की हुंडी के पैसे कृष्ण जी ने नही बल्कि किसी साहुकार ने दिये होगे-दयानंद सत्यार्थ प्रकाश, समुल्लास 11, पेज 220.. दयानंद जी से किसी ने प्रश्न किया द्वारिका के रणछोड मतलब कृष्ण जी ने नर्सीमहिता की मेहता की…

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सत्यार्थ प्रकाश से निराशाजनक किताब कोई नही – महात्मा गाँधी (भाग-12)

महाअज्ञानी दयानन्द पर महात्मा गाँधी जी के विचार   गांधी जी अपने अख़बार ‘यंग इंडिया‘ में लिखते हैं- ‘‘मेरे दिल में दयानन्द सरस्वती के लिए भारी सम्मान है। मैं सोचा करता हूं कि उन्होंने हिन्दू धर्म की भारी सेवा की…

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महर्षि दयानन्द : मुर्खता की हद – दयानन्द की पोल-खोल (भाग-11)

सत्यार्थ प्रकाश तृतीया समुल्लास का सच  दयानन्द जी लिखते हैं कि-  “षट्त्रिशदाब्दिकं चर्य्यं गुरौ त्रैवैदिकं व्रतम्। तदिर्धकं पादिकं वा ग्रहणान्तिकमेव वा ॥  -यह मनुस्मृति [३/१] का श्लोक हैं॥ अर्थ-आठवें वर्ष से आगे छत्तीसवें वर्ष पर्यन्त अर्थात् एक-एक वेद के सांगोपांग…

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दयानंद : पैदाइशी महामुर्ख – दयानन्द का पर्दाफाश (भाग-10)

दयानंद पैदाइशी महामुर्ख दयानंद यजुर्वेद ३०/२१ का भाष्य करते हुए लिखते हैं – अग्नये पीवानं पृथिव्यै पीठसर्पिणं वायवे चाण्डालम् अन्तरिक्षाय वम्ँ शनर्तिनं दिवे खलतिम्ँ सूर्याय हर्यक्षं नक्षत्रेभ्यः किर्मिरं चन्द्रमसे किलासम् अह्ने शुक्लं पिङ्गाक्षम्ँ रात्र्यै कृष्णं पिङ्गाक्षम् ॥ (यजुर्वेद ३०/२१) हे…

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दयानंद आत्मचरित – एक अधूरा सच-दयानन्द की पोल-खोल (भाग-09)

दयानंद आत्मचरित – एक अधूरा सच ।  स्वामी दयानंद एक सामान्य मनुष्य थे , और उनमे भी सामान्य मनुष्यो की तरह से सारे गुण मौजूद थे । इसीलिए जब उन्होंने अपनी जीवनी दुनिया के सामने रखी तो निश्चित ही एक…

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सत्यार्थ प्रकाश सप्तम संमुल्लास – दयानन्द की पोल-खोल (भाग-08)

सत्यार्थ प्रकाश सप्तम संमुल्लास  पेज नंबर १६९ मे दयानन्द लिखते है ।अग्नेर्वा ऋग्वेदो जायते वायोर्यजुर्वेद: सुर्यात्सामवेद: ॥(नम्बर १) स्वामी जी इसका अर्थ लिखते है की “प्रथम अर्थात सृष्टि के आदि मे परमात्मा ने अग्नि, वायु, आदित्य तथा अंगिरा ऋषियों के आत्माओं…

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वेदों के तथाकथित ज्ञाता दयानंद निकले महामुर्ख – दयानन्द का पर्दाफाश (भाग-07)

वेदों के तथाकथित ज्ञाता दयानंद निकले महामुर्ख दयानंद महर्षि या फिर अव्वल दर्जे का महाअज्ञानी ?? पढने के पश्चात स्वयं निर्णय करें  दयानंद सत्यार्थ प्रकाश के एकादश समुल्लास में लिखते है कि “नानक जी को ज्ञान नहीं था” अब उन महापुरूष…

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दयानंदी जिहाद- दयानन्द की पोल-खोल (भाग-06)

दयानंद की बुद्धि में गोबर (दयानंदी जिहाद) दयानंद मत लड़ाई में स्त्रियाँ भी धन संपदा आदि की भाँति लूटने और बाटने की वस्तु। सत्यार्थ प्रकाश षष्ठ समुल्लास.दयानंद लिखते है –रथाश्वं हस्तिनं छत्रं धनं धान्यं पशून्स्त्रियः  ।सर्वद्रव्याणि कुप्यं च यो यज्जयति…

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महामुर्ख दयानन्द और ‘सत्यानाश प्रकाश’ की पोल खोल – भाग 03

नियोग (भाग-1) ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के चतुर्थ समुल्लास के क्रम सं0 120 से 149 तक की सामग्री पुनर्विवाह और नियोग विषय से संबंधित है। लिखा है कि पुनर्विवाह और नियोग :- द्विजों यानी ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य वर्णों में पुनर्विवाह कभी…

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