समाज विनाशक दयानन्द – सत्यार्थ प्रकाश की पोल-खोल- भाग-02
‘नियोग’ क्या है ? ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के चतुर्थ समुल्लास के क्रम सं0 120 से 149 तक की सामग्री पुनर्विवाह और नियोग विषय से संबंधित है। लिखा है किद्विजों यानी ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य वर्णों में पुनर्विवाह कभी नहीं होने चाहिए।…