कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु | मगहर में क्या हुआ जब कबीर साहेब ने सतलोक जाने की लीला की?

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कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु | हिंदी लिरिक्स | कबीर साहेब मगहर

कीन्हाँ मघर पियांना हो,
दोन्यू दीन चले संगि जाकै,
हिंदू मुसलमांना हो।।टेक।।

मुक्ति खेत कूं छाड़ि चले हैं,
तजि काशी असथांना हो।

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शाह सिकंदर कदम लेत है,
पातिशाह सुलतांना हो।।1।।

च्यारि बेद के बकता संगि हैं,
खोजी बड़े बयांना हो।

शालिगराम सुरति सें सेवैं,
ज्ञान समुद्र दांना हो।।2।।

षट्दर्शन जाकै संगि चाले,
गावत बांनी नाना हो।

अपनां अपनां ईष्ट सिंभालैं,
बांचैं पोथी पांना हो।।3।।

चदरि फूल बिछाये सतगुरु,
देखै सकल जिहांना हो।

च्यारि दाग सें रहत जुलहदी,
अबिगत अलख अमांना हो।।4।।

बिरसिंघ बघेला करै बीनती,
बिजलीखांन पठांना हो।

दो चदरि बकसीस करी हैं,
दीनां यौह प्रवाना हो।।5।।

नूर नूर निरगुण पद मेला,
देखि भये हैरांना हो।

पद ल्यौलीन भये अबिनाशी,
पाये पिण्ड न प्राना हो।।6।।

शब्द सरूप साहिब सरबंगी,
शब्दें शब्द समाना हो।

दास गरीब कबीर अर्श में,
फरकैं धजा निशांना हो।।7।।

Kinha Maghar Piyana Satguru | Kabir’s Place Maghar | English Lyrics

keenhaan maghar piyaanna ho,
donyoo deen chale sangi jaakai,
hindoo musalamaanna ho..tek..

mukti khet koon chhaadi chale hain,
taji kaashee asathaanna ho.

shaah sikandar kadam let hai,
paatishaah sulataanna ho..1..

chyaari bed ke bakata sangi hain,
khojee bade bayaanna ho.

shaaligaraam surati sen sevain,
gyaan samudr daanna ho..2..

shatdarshan jaakai sangi chaale,
gaavat baannee naana ho.

apanaan apanaan eesht simbhaalain,
baanchain pothee paanna ho..3..

chadari phool bichhaaye sataguru,
dekhai sakal jihaanna ho.

chyaari daag sen rahat julahadee,
abigat alakh amaanna ho..4..

birasingh baghela karai beenatee,
bijaleekhaann pathaanna ho.

do chadari bakasees karee hain,
deenaan yauh pravaana ho..5..

noor noor niragun pad mela,
dekhi bhaye hairaanna ho.

pad lyauleen bhaye abinaashee,
paaye pind na praana ho..6..

shabd saroop saahib sarabangee,
shabden shabd samaana ho.

daas gareeb kabeer arsh mein,
pharakain dhaja nishaanna ho..7..

मगहर क्यों प्रसिद्ध है?

मगहर देश भर में फैले कबीरपंथियों की आस्था का मुख्य केंद्र है, मगहर से कबीर साहेब सशरीर सतलोक को गये थे | संत रामपाल जी महाराज के अनुसार लगभग 20 करोड़ कबीरपंथी पूरी दुनिया में हैं

क्या काशी क्या ऊसर मगहर?

जो कासी तन तजै कबीरा. रामे कौन निहोरा. काशी हो या मगहर का ऊसर. मेरे लिए दोनों एक जैसे है, क्योंकि मेरे हृदय में राम अयोध्या वाले राम नहीं’ बसते हैं. अगर कबीर ने मोक्ष के लिए काशी में शरीर का त्याग किया तो फिर परमात्मा पर मेरे विश्वास का क्या होगा?

कबीर दास की मृत्यु कब और कैसे हुई?

संत कबीर दास ने अपना पूरा जीवन काशी में बिताया लेकिन जीवन का अंतिम समय मगहर में बिताया था. मगहर से कबीर साहेब सशरीर सतलोक को गये थे, कबीर साहेब की मृत्यु नहीं हुई थी. क्योंकि वो खुद परमेश्वर हैं

कबीर की मृत्यु कहाँ हुई?

कबीर साहेब ने मगहर में जब शरीर छोड़ने की लीला की थी तब वहां पर गुलाब के फूल मिले थे, कबीर साहेब स्वयम पूर्ण परमात्मा है, वो जन्मते और मरते नहीं हैं |

Banti Kumar
WRITTEN BY

Banti Kumar

📽️Video 📷Photo Editor | ✍️Blogger | ▶️Youtuber | 💡Creator | 🖌️Animator | 🎨Logo Designer | Proud Indian

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