म्हारे सतगुरु दे रहे हेला रे, सतनाम सुमर मन मेला रे ।
म्हारे साहिब दे रहे हेला रे, सतनाम सुमर मन मेला रे ।।
कोटि-कौटि माया जोड़ि, जोड़ भरया एक थेला रे ।
खालि आया खालि जाऐगा, संग चलेगा धेला रे ।।
म्हारे सतगुरु दे रे हेला रे ।।
माता – पिता तेरा कुटम्ब कबिला, ये कोई दिन का मेला रे ।
यहि मिलाया यहि बिछुड़जा जाऐगा हंस अकेला रे ।।
म्हारे सतगुरु दे रहे हेला रे, सतनाम सुमर मन मेला रे ।।