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मुसलमान धर्म में केवल अपनी सगी बहन (माँ की जाई बहन) को छोड़ते हैं। चाचा, ताऊ की लड़कियाँ जो बहन ही होती हैं, उनसे विवाह करना अजीबो-गरीब लगता है। मुसलमानों ने विमर्श करके अपने बच्चों का विवाह अपने ही परिवारों में करना पड़ा। चाचे व ताऊ की लड़कियों से विवाह करने लगे जो मजबूरी तथा जरूरी था।
कयामत तक कब्रों में रहने वाले सिद्धांत का खंडन, कुरआन स्पष्ट करती है कि अल्लाह ने कहा है कि जैसे पहले सृष्टि की उत्पत्ति की थी (जो बाईबल यानि तौरेत पुस्तक में बताई), वैसे ही पुनरावर्ती करेंगे, यह पक्का वादा है। ऊपर की कुरआन मजीद की सूरतों की आयतों में यही कहा है कि एक बार प्रलय के समय केवल पृथ्वी के ऊपर की संरचना नष्ट की जाएगी। पृथ्वी खुला मैदान पड़ा दिखाई देगा।(इसे आदि सनातन तथा सनातन पंथ में प्रलय कहते हैं।)
जैसे ओम् (ॐ) मंत्र का पहला अक्षर वर्णमाला का ‘‘अ’’ है। इसलिए ’’अैन‘‘ अक्षर ’’ओम्‘‘ का सांकेतिक है। ‘‘तत्’’ यह सांकेतिक मंत्र है। इसका जो यथार्थ मंत्र है, उसका पहला अक्षर ‘‘स’’ है तथा तीसरा जो ‘‘सत्’’ सांकेतिक मंत्र है, इसका जो यथार्थ मंत्र है, उसका पहला मंत्र ‘‘क’’ है। इसलिए गुप्त यानि सांकेतिक ’’अैन, सीन, काफ‘‘ कुरआन में बताए।
सतगुरू नानक देव जी ने चार इमामों से चर्चा करते हुए कहा कि जिस मक्का शहर में जो काबा (मंदिर) है जिसको आप अपना पवित्र स्थान मानते हो। वह महादेव (शिव जी) का मंदिर है। इसमें सब देवी-देवताओं की मूर्तियाँ (बुत) थी। उसकी स्थापना करने वाला सुल्तान (राजा) ब्राह्मण था। बाद में सब मूर्तियाँ उठा दी गई थी। नबी इब्राहिम व हजरत इस्माईल (अलैहि.) ने इसका पुनः निर्माण करवाया था।