दयानंदभाष्य खंडनम् – दयानन्द की मुर्खता की पोल-खोल (भाग-05)
दयानंदभाष्य खंडनम् (महाधुर्त दयानंद) जब लाखों करोड़ों धुर्त मरते है तब कहीं जाकर एक महाधुर्त पैदा होता है । भारत के इतिहास में आज तक इतना बड़ा धुर्त किसी ने नहीं देखा दयानंद ने मेक्समूलर के भाष्य को Copy कर…