Category कबीर साहेब की लीलाएं

चौकाने वाला सच :- रामसेतु को नल नील ने नही, मुनिन्द्र ऋषि ने बनाया था

त्रेतायुग में कविर्देव (कबीर साहेब) का मुनिन्द्र नाम से प्राकाट्य www.bantikumarpks.blogspot.com नल तथा नील को शरण में लेना www.bantikumarpks.blogspot.com त्रोतायुग में स्वयंभु (स्वयं प्रकट होने वाला) कविर्देव (कबीर परमेश्वर) रूपान्तर करके मुनिन्द्र ऋषि के नाम से आए हुए थे। अनल अर्थात्…

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जानिये सतयुग में कबीर साहेब का प्राकाट्य कैसे हुआ ?

सतयुग में कविर्देव (कबीर साहेब) का सत्सुकृत नाम से प्राकाट्य तत्वज्ञान के अभाव से श्रद्धालु शंका व्यक्त करते हैं कि जुलाहे रूप में कबीर जी तो वि. सं. 1455 (सन् 1398) में काशी में आए हैं। वेदों में कविर्देव यही…

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कबीर साहेब Vs ज्योति निरंजन, परमात्मा का सन्देश- Exclusive Report

सत साहिब हमारे सभी धार्मिक ग्रन्थों व शास्त्रो में उस एक प्रभु मालिक/रब/ खुदा/अल्लाह/राम/साहेब/गोड/परमेश्वर की प्रत्यक्ष नाम लिख कर महिमा गाई है कि वह एक मालिक/प्रभु कबीर साहेब है जो सतलोक में मानव सदृश स्वरूप में आकार में रहता है।…

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जानिये कैसे एक रोटी के बदले कबीर साहेब ने तैमूरलंग को दिया था सात पीढी का राज

रोटी तैमूरलंग कुं दीन्ही ताते सात बादशाही लीन्ही www.bantikumarpks.blogspot.com एक तैमूरलंग नामक मुसलमान नौ जवान था । उसके पिता की मृत्यु युवा अवस्था  मे ही हो गई थी । माता ने अकेले पालन पोषण किया । निर्धनता आवश्यकता से अधिक…

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जानिये कैसे कबीर साहेब ने भैंसे से बुलवाया था वेंद मन्त्रो को ?

साहेब कबीर द्वारा भैंसे से वेद मन्त्र बुलवाना एक समय तोताद्रि नामक स्थान पर विद्वानों (पंडितों) का महासम्मेलन हुआ। उसमें दूर-दूर के ब्रह्मवेता, वेदों, गीता जी आदि के विशेष ज्ञाता महापुरुष आए हुए थे। उसी महासम्मेलन में वेदों और पुराणों…

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नानक जयन्ती स्पेशल- कबीर साहेब के शिष्य थे गुरू नानक देव जी

➣ Guru Nanakdev Ji साहेब कबीर द्वारा श्री नानक जी को तत्वज्ञान समझाना  ‘‘नानक जी का संक्षिप्त परिचय’’ आदरणीय श्री नानक साहेब जी प्रभु कबीर(धाणक) जुलाहा के साक्षी – श्री नानक देव का जन्म विक्रमी संवत् 1526 (सन् 1469) कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा…

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जानिये जगन्नाथ जी मन्दिर का रहस्य- कब, क्यो, और कैसे?

पुरी में श्री जगन्नाथ जी का मन्दिर अर्थात् धाम कैसे बना उड़ीसा प्रांत में एक इन्द्रदमन नाम का राजा था। वह भगवान श्री कृष्ण जी का अनन्य भक्त था। एक रात्राी को श्री कृष्ण जी ने राजा को स्वपन में दर्शन…

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कबीर साहेब V/s गोरखनाथ..

साहेब कबीर व गोरख नाथ की गोष्ठी एक समय गोरख नाथ (सिद्ध महात्मा) काशी (बनारस) में स्वामी रामानन्द जी (जो साहेब कबीर के गुरु जी थे) से शास्त्रार्थ करने के लिए (ज्ञान गोष्टी के लिए) आए। जब ज्ञान गोष्टी के लिए…

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कबीर साहेब और सिकंदर लौधी

कबीर साहेब और सिकंदर लौधी मृृतक गाय को जीवित करना बन्दी छोड़ कबीर साहेब पूर्ण परमात्मा हैं। ये अनंत करोड़ ब्रह्मण्ड के विद्याता हैं। एक समय कबीर साहेब के सत उपदेश को सुन कर हिन्दु तथा मुसलमान उनसे नाराज हो गए…

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कबीर साहेब की शरण मे आने के कारण बचे थे विभीषण तथा मंदोदरी

कबीर साहेब द्वारा विभीषण तथा मंदोदरी को शरण में लेना परमेश्वर मुनिन्द्र अनल अर्थात् नल तथा अनील अर्थात् नील को शरण में लेने के उपरान्त श्री लंका में गए। वहाँ पर एक परम भक्त चन्द्रविजय जी का सोलह सदस्यों का पुण्य…

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