हिसार।
देश में आतंकवादियों के लिए बनाए गए कानून सतलोक आश्रम के संत रामपाल जी महाराज पर लगाए गए हैं। इसमें देशद्रोह व ब्लास्ट करने जैसे कानून शामिल है। जबकि सतलोक आश्रम में ऐसा कुछ नहीं था, जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज पर ऐसी धाराएं लगाई जा सके। बावजूद इसके आज तक संत रामपाल जी महाराज को जेल में बंद रखा हुआ है।
यह बात सन्त रामपाल जी महाराज के केसों की पैरवी करने वाले अधिवक्ता आरएस हुड्डा, अधिवक्ता सरिता सिंह व राष्ट्रीय समाज सेवा समिति के रामनिवास ने सेक्टर 15 में बने गोबिंद ढाबा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि रोहतक के करौथा में शासन, प्रशासन व पुलिस ने खुलेआम कानूनों का उल्लंघन करते हुए आर्य समाजियों का साथ दिया था। इस मौके पर पुलिस व आर्य समाजियों में हुई झड़प में तीन लोग मारे गए थे जबकि 15 घायल हुए थे। परंतु सरकार ने कोई एफआईआर दर्ज करवाने की बजाए उन लोगों को मुआवजा बांटकर उन्हें सपोर्ट किया था।
राष्ट्रीय समाज सेवा समिति के रामनिवास ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान 30 हजार सैनिकों को युद्ध के लिए लगाया गया था परंतु बरवाला आश्रम के बाहर सरकार द्वारा 40 से 50 हजार सिपाही व अन्य अर्धसैनिक बल लगाना सरकार की मंशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि संत रामपाल जी महाराज पर दर्ज सभी मामलों की सीबीआई से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सन्त रामपाल जी महाराज पर दर्ज निराधार मामलों को हटाया नहीं जाता और उन्हें रिहा नहीं किया जाता तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा।
LORD KABIR