जानिये कैसे एक रोटी के बदले कबीर साहेब ने तैमूरलंग को दिया था सात पीढी का राज

Share this Article:-
Rate This post❤️

रोटी तैमूरलंग कुं दीन्ही ताते सात बादशाही लीन्ही

www.bantikumarpks.blogspot.com

एक तैमूरलंग नामक मुसलमान नौ जवान था । उसके पिता की मृत्यु युवा अवस्था  मे ही हो गई थी । माता ने अकेले पालन पोषण किया । निर्धनता आवश्यकता से अधिक थी । तैमूरलंग की माता बहुत धार्मिक थी । घर पर आये अतिथि को भोजन किये बिना नही जाने देती थी ।
कई बार तो ऐसा भी हुआ था कि घर पर दो व्यक्तियों का भोजन होता था । दौ अतिथि आ जाते थे तो दोनों अतिथियों को भोजन कराकर स्वयं माँ-बेटा भूखे सो जाते थे । निर्वाह के लिए तैमूरलंग गांव के धनी व्यक्तियों की भेड़-बकरियां चराता था । इसके बदले मे अनाज लेता था । इससे भी नही गुजारा नही होता था ।
इसलिए शाम को (Overtime) एक लौहार के अहरण पर घण की चोट लगाने का कार्य करता था । इस प्रकार गुजारा चलता था । फिर भी गरीबी रेखा से नीचे थे ।
                         
तैमूूरलंग का भाग्य उदय ऐसे हुआ :-

naam diksha ad
www.bantikumarpks.blogspot.com

एक दिन तैमूरलंग भेड़- बकरियों को गाव के सात वाले जंगल मे चरा रहा था, दोपहर के समय खाना खा कर बैठा ही था की एक जिन्दा बाबा संत आये ।
तैमुरलंग ने खाने के लिए पुछा तो भोजन खाने की इच्छा व्यतीत की ।
 बेटा मे माँ के संस्कार थे बाबा जी आप मेरे भैड़-बकरियों को संभालोे मैं घर से खाना लेकर आता हूँ तैमुरलंग ने अपनी माता से बताया की एक संत भूखा हैं, माता ने कहा बेटा मैं भोजन बनाती हूँ और भोजन बना के मैं साथ चलती हूँ , संत के दर्शन भी कर आउंगी और बर्तन भी ले आउंगी ।
घर पर एक रोटी का एक आटा था । माँ एक रोटी लेकर और एक लोटे मे पानी लेकर तैमुरलंग के पास वृक्ष के नीचे आ गई ,संत जी से भोजन लेकर सामने रख दिया ,संत खाना खाने लगे ।
 तैमुरलंग की माता ने कहा- महाराज हम पर कुछ कृपा दृष्टि करे हम निर्धन है कई बार तो भूखे सोना पड़ता है ।
जब तक संत ने रोटी खाई और पानी पिया तब तक माई ने अपनी गरीबी की कथा सुना दी , जिन्दा बाबा के रूप मे स्वयं परमेश्वर जी थे ।
वही पर बकरी बाधने की बेल पड़ी थी उसको उठा कर संत जी ने चार बार मोड़ा , तथा तैमुरलंग की कमर मे मारा तथा लात और घुसे मारे ।
माई ने कहा मेरे बच्चे ने क्या गलती कर दी संत जी , क्षमा करो ।
परमेश्वर ने माई से कहा- माई तेरे बेटे को सात पीढ़ी का राज दे दिया है जो सात लोहे की सांगल मारी है यह तेरी सात पीढ़ी राज करेंगे फिर जो लात घुसे मारे है ,यह इसलिए मारे है की फिर वो राज्य छोटे-छोटे राज्य मे बँट कर के ख़त्म हो जाएंगे ।
इतना कहकर जिन्दा रूप मे परमेश्वर अंतर्ध्यान हो गये । उस समय तो ये बात सच्ची नहीं लगी परन्तु दस वर्ष के अंदर वह रजा बन गया ।
परमेश्वर ने स्वयं सपने मे आ कर बताया की जिस एह्रण पर तू शाम को नौकरी करता है उसके नीचे खजाना दबा है उस एह्रण को मोल ले ले ।
तुम्रलंग ने कहा संत जी पैसे तो एक भी नही है कैसे लूँगा , परमेश्वर जी ने कहा यह मेरा कार्य है, तू एह्रण के मालिक से एक वर्ष मे पैसे देने की बात कर सुबह उठके अपनी माता जी को अपने स्वप्न की बात बताई ।

www.bantikumarpks.blogspot.com

माता जीने कहा मुझे भी संत रात्रि मे स्वप्न मे दिखाई दिए थे वो कुछ कह रहे थे, मुझे भूल पड़ गई है ।
तब तैमुरलंग ने अपनी स्वप्न की बात बताई ।
फिर माँ ने कहा- यह परमात्मा का रूप मे है यह संत परमात्मा का रूप है तू संत के बताये अनुसार बात चला ।

 उस एह्रण वाले के मन मे परमात्मा प्रेरणा कर दी यह स्थान कम है, इसको चाहे कोई एक वर्ष उधार भी ले ले तो भी बेचकर दुसरे प्लाट मे एह्रण लगा लूं ।
तैमुरलंग ने बात की तो बात पक्की हो गयी । फिर तैमुरलंग ने अपनी माता की सहयोग से उसकी चार कच्ची चारदिवारी और बनाई ।
एह्रण भी लगा लगा लिया क्योकि वो छोड़ गया था क्यूंकि वो बहुत पुराना था इसलिए वह भी प्लाट के सात ही बेच दिया था ।

चार दिवारी मे झोपडी डाली है, फिर खोद कर देखा तो खजाना दबा था ।
 स्वप्न ने परमेश्वर कबीर जी दिखाई दिए, दिशा निर्देश दिया की धीरे-धीरे खजाना निकालना, पहले चार पांच भेड़ बकरिया लेना फिर बेच देना, चाहे सस्ते में हीे बिके फिर घोड़े ले आना उनको बेचना, फिर अपनी सेना बनाना फिर अपना एह्रण लगा कर तलवार ढाल बना लेना ।

 ऐसे ही किया गया, एक हज़ार सेना बनकर उसी नगरी के राजा को घेर लिया । राजा ने सेना अधिक देखकर आत्मसमर्पण कर दिया । परमेश्वर ने एक हज़ार सेना को दस हज़ार दिखाया ।

www.bantikumarpks.blogspot.com

 इस प्रकार तैमुरलंग सन् १३९२ मे भारत आया और दिल्ली के राजा को मारकर कब्ज़ा कर लिया । वहाँ पर एक नवाब को शासन सौंपा ।
क्योंकि उसने कहा था की उसका नौकर बनकर दिल्ली का राज्य संभाल लूँगा और तैमुरलंग को टैक्स दिया करूँगा । जब दिल्ली का शासन हेमचंद हिन्दू राजा ने कब्ज़ा किया तो उसने तैमुरलंग को टैक्स देना बंद कर किया, तो तैमुरलंग के तीसरे पोते बाबर ने राजा को मारा और स्वयं दिल्ली की गद्दी पर विराजमान हो गया ।



 

बाबर से लेकर ६ पीढ़ी औरंगजेब तक का दिल्ली का राज्य किया उसके पश्चात उनका राज्य छोटे छोटे टुकडो मे बँट गया । इस प्रकार एक रोटी खाकर तैमुरलंग ने सात पीढ़ी राज किया था ।

उपरोक्त कथा का अर्थ है की धर्म करने से सब लाभ प्राप्त किया जा सकता है ।

Youtube पर चैनल को Subscribe करें।

||सत साहेब ||

LORD KABIR

 


Share this Article:-
Banti Kumar
Banti Kumar

📽️Video 📷Photo Editor | ✍️Blogger | ▶️Youtuber | 💡Creator | 🖌️Animator | 🎨Logo Designer | Proud Indian

Articles: 375

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


naam diksha ad