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भक्ति दान गुरू दीजियो,
Dharmdas Ji & Kabir Sahib Ji |
देवन के देवा हो।
भक्ति दान गुरू दीजियो,
देवन के देवा हो।
जन्म पाया भुलूँ नहीं,
करहूँ पद सेवा हो।
जन्म पाया भुलूँ नहीं,
करहूँ पद सेवा हो।।
तीरथ वर्त मैं नहीं करूँ,
ना मंदिर पूजा हो।
तीरथ वर्त मैं नहीं करूँ,
ना मंदिर पूजा हो।
मनसा वाचा करमणा,
मुझे और ना दूजा हो।
मनसा वाचा करमणा,
मुझे और ना दूजा हो।।
भक्ति दान गुरू दीजियो,
देवन के देवा हो।
भक्ति दान गुरू दीजियो,
देवन के देवा हो।
जनम पाया भुलूँ नहीं,
करहूँ पद सेवा हो।
जनम पाया भुलूँ नहीं,
करहूँ पद सेवा हो।।
अष्ट सिद्धि और नौ निधि,
बैकुण्ठ का वासा हो।
अष्ट सिद्धि और नौ निधि,
बैकुण्ठ का वासा हो।
सो मैं तुमसे ना माँगता,
सब थो-थरी आशा हो।
सो मैं तुमसे ना माँगता,
सब थो-थरी आशा हो।।
भक्ति दान गुरू दीजियो,
देवन के देवा हो।
भक्ति दान गुरू दीजियो,
देवन के देवा हो।
जन्म पाया भुलूँ नहीं,
करहूँ पद सेवा हो।
जन्म पाया भुलूँ नहीं,
करहूँ पद सेवा हो।।
सुख, सम्पति, परिवार, धन,
और सुंदर नारी हो।
सुख, सम्पति, परिवार, धन,
और सुंदर नारी हो।
सुपने में इच्छा नहीं करूँ,
गुरू आन तुम्हारी हो।
सुपने में इच्छा नहीं करूँ,
गुरू आन तुम्हारी हो।।
भक्ति दान गुरू दीजियो,
देवन के देवा हो।
भक्ति दान गुरू दीजियो,
देवन के देवा हो।
जन्म पाया भुलूँ नहीं,
करहूँ पद सेवा हो।
जन्म पाया भुलूँ नहीं,
करहूँ पद सेवा हो।।
धर्मदास की विनती,
समरथ चित् दीजो हो।
धर्मदास की विनती,
समरथ चित् दीजो हो।
ये आना जाना निवार कै,
अपना कर लिजो हो।
ये आना जाना निवार कै,
अपना कर लिजो हो।।
भक्ति दान गुरू दीजियो,
देवन के देवा हो।
भक्ति दान गुरू दीजियो,
देवन के देवा हो।
जन्म पाया भुलूँ नहीं,
करहूँ पद सेवा हो।
जन्म पाया भुलूँ नहीं,
करहूँ पद सेवा हो।।
Write by – J.K.
Edit by – B.K.
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