ये 33 प्रमाण जो सिद्ध करते हैं कि गीता ज्ञान श्रीकृष्ण ने नही दिया ।

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ये 33 प्रमाण जो सिद्ध करते हैं कि गीता ज्ञान श्रीकृष्ण ने नही दिया ।

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श्रीमद्भगवद्गीता जी का अनमोल यथार्थ पुर्ण ब्रम्ह ज्ञान
(गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित)

1. मैं सबको जानता हूँ, मुझे कोई नहीं जानता (अध्याय 7 मंत्र 26)

2 . मै निराकार रहता हूँ (अध्याय 9 मंत्र 4 )


3. मैं अदृश्य/निराकार  रहता हूँ (अध्याय 6 मंत्र 30) निराकार क्यो रहता है इसकी वजह नहीं बताया सिर्फ अनुत्तम/घटिया भाव कहा है ।


4. मैं कभी मनुष्य की तरह आकार में नहीं आता यह मेरा घटिया नियम है (अध्याय 7 मंत्र 24-25)


5.पहले मैं भी था और तू भी सब आगे भी होंगे (अध्याय 2 मंत्र 12) इसमें जन्म मृत्यु माना है ।


6. अर्जुन तेरे और मेरे जन्म होते रहते हैं (अध्याय 4 मंत्र 5)


7. मैं तो लोकवेद में ही श्रेष्ठ हूँ (अध्याय 15 मंत्र 18)

लोकवेद =सुनी सुनाई बात/झूठा ज्ञान

8. उत्तम परमात्मा तो कोई और है जो सबका भरण-पोषण करता है (अध्याय 15 मंत्र 17)


9.उस परमात्मा को प्राप्त हो जाने के बाद कभी नष्ट/मृत्यु नहीं होती है (अध्याय 8 मंत्र 8,9,10)


10. मैं भी उस परमात्मा की शरण में हूँ जो अविनाशी है (अध्याय 15 मंत्र 5)


Must Read-

गीता ज्ञान किसने दिया ?

11. वह परमात्मा मेरा भी ईष्ट देव है (अध्याय 18 मंत्र 64)


12. जहां वह परमात्मा रहता है वह मेरा परम धाम है वह जगह जन्म – मृत्यु रहित है (अध्याय 8 मंत्र 21,22) उस जगह को वेदों में ऋतधाम, संतो की वाणी में सतलोक/सचखंड कहते हैं । गीताजी में शाश्वत स्थान कहा है ।


13. मैं एक अक्षर ॐ हूं (अध्याय 10 मंत्र 25 अध्याय 9 मंत्र 17 अध्याय 7 के मंत्र 8 और अध्याय 8 के मंत्र 12,13 में )


14. “ॐ” नाम ब्रम्ह का है (अध्याय 8 मंत्र 13)


15. मैं काल हूं (अध्याय 10 मंत्र 23)


16.वह परमात्मा ज्योति का भी ज्योति है (अध्याय 13 मंत्र 16)


17. अर्जुन तू भी उस परमात्मा की शरण में जा, जिसकी कृपा से तु परम शांति, सुख और परम गति/मोक्ष को प्राप्त होगा (अध्याय 18 मंत्र 62)


18. ब्रम्ह का जन्म भी पूर्ण ब्रम्ह से हुआ है (अध्याय 3 मंत्र 14,15)


19. तत्वदर्शी संत मुझे पुरा जान लेता है (अध्याय 18 मंत्र 55)


20. मुझे तत्व से जानो (अध्याय 4 मंत्र 14)


21. तत्वज्ञान से तु पहले अपने पुराने /84 लाख में जन्म पाने का कारण जानेगा, बाद में मुझे देखेगा /की मैं ही इन गंदी योनियों में पटकता हू, (अध्याय 4 मंत्र 35)


22. मनुष्यों का ज्ञान ढका हुआ है (अध्याय 5 मंत्र 16)

:- मतलब किसी को भी परमात्मा का ज्ञान नहीं है

23. ब्रम्ह लोक से लेकर नीचे के ब्रम्हा/विष्णु/शिव लोक, पृथ्वी ये सब पुर्नावृर्ति(नाशवान) है ।


24. तत्वदर्शी संत को दण्डवत प्रणाम करना चाहिए (तन, मन, धन, वचन से और अहं त्याग कर आसक्त हो जाना)  (अध्याय 4 मंत्र 34)


25. हजारों में कोई एक संत ही मुझे तत्व से जानता है (अध्याय 7 मंत्र 3)


26. मैं काल हु और अभी आया हूं (अध्याय 10 मंत्र 33)

तात्पर्य :-श्रीकृष्ण जी तो पहले से ही वहां थे,

27. शास्त्र विधि से साधना करो, शास्त्र विरुद्ध साधना करना खतरनाक है (अध्याय 16 मंत्र 23,24)


28. ज्ञान से और श्वासों से पाप भस्म हो जाते हैं (अध्याय 4 मंत्र 29,30, 38,49)


29. तत्वदर्शी संत कौन है पहचान कैसे करें :- जो उल्टा वृक्ष के बारे में समझा दे वह तत्वदर्शी संत होता है (अध्याय 15 मंत्र 1-4)


30. और जो ब्रम्हा के दिन रात/उम्र बता दें वह तत्वदर्शी संत होता है (अध्याय 8 मंत्र 17)


31. 3 भगवान बताये गये हैं गीताजी में

क्षर , अक्षर, परमअक्षर
(•ब्रम्ह, परब्रह्म, पूर्ण/पार ब्रम्ह
•ॐ, तत्, सत्
•ईश, ईश्वर, परमेश्वर)

32. गीता जी में तत्वदर्शी संत का इशारा > 18.तत्वदर्शी संत वह है जो उल्टा वृक्ष को समझा देगा. (अध्याय 15 मंत्र 1-4)


“कबीर अक्षर पुरुष एक पेड़ है, निरंजन वाकी डार। तीनों देव शाखा भये, पात रुप संसार।। “


    33. जो ब्रम्ह के दिन रात /उम्र बता देगा वह तत्वदर्शी संत होगा, (अध्याय 8 के मंत्र 17)


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   उम्र :-

1. इन्द्र की उम्र 72*4 युग
2. ब्रम्हा जी की उम्र – –
   1 दिन =14 इन्द्र मर जाते हैं” तो उम्र 100 साल=720,00000 चतुर्युग
3.विष्णु जी की उम्र =7 ब्रम्हा मरते हैं तब 1 विष्णु जी की मृत्यु होती है तो कुल उम्र 504000000 चतुर्युग
4.शिव जी की =7 विष्णु जी मरते हैं तब 1शिव जी की मृत्यु होती है =3528000000 चतुर्युग(ये तीनों देव ब्रम्हा विष्णुजी महेश देवी भागवत महापुराण में अपने को भाई-भाई मानते हैं और शेरोवाली/अष्टांगी/प्रकृति को अपनी मां और अपनी जन्म-मृत्यु होना स्वीकारते हैं
5. महाशिव की उम्र =70000शिव मरते हैं
6 ब्रम्ह की आयु =1000 महाशिव मरते हैं,

LORD KABIR
Banti Kumar
WRITTEN BY

Banti Kumar

📽️Video 📷Photo Editor | ✍️Blogger | ▶️Youtuber | 💡Creator | 🖌️Animator | 🎨Logo Designer | Proud Indian

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