संत रामपाल दास जी महाराज : एक सच
संत रामपाल जी महाराज |
•एक सत्य जो विरोधियों के गले नहीं उतरता है •एक रहस्य जो संत रामपाल जी महाराज और अन्य धर्मगुरुओं के भेद खोलता है,
विज्ञान के क्षेत्र में अध्यात्म की सत्यता को साबित करने वाली युक्ति
बहुत से लोग कहते हैं यहाँ मुक्ति मरने के बाद नहीं जीते जी मिले वह प्रामाणिक है,
स्वर्ग नर्क का फल इसी दुनिया में है
तो संत रामपाल जी महाराज कौन से सतलोक की बात करते हैं
क्या वाकई पढे लिखे समाज को अध्यात्म के इस स्तर तक विश्वास करना चाहिए?
इस जटिल प्रश्न का उत्तर वैज्ञानिक सोच से भी मिलता है,
(1)संत रामपाल दास जी महाराज दुनिया के ऐसे एकमात्र संत है जो अपने अनुयायियों से पुर्ण रुप से नशा मुक्त कर देते हैं
(जैसे शराब, सिगरेट, भांग, सुल्फा, तम्बाकू इत्यादि)
—- नशीली वस्तुओं के सेवन से मुक्ति से ही वास्तविक मनुष्य जीवन जीने के उद्देश्य को हासिल किया जा सकता है और नशा ही हजारों परिवार को आर्थिक बर्बादी बच्चों के भविष्य का नाश, और कलह, उजड़ने की मुख्य वजह है
(2) सामाजिक कुरीतियों (प्रथाओं) के संक्रमण को समाप्त करना (जैसे धार्मिक,जातिय भेदभाव, देविय शक्तियों का मनमाना पूजन, शादी में दहेज , जन्मदिन, मृत्यु शोक में अनावश्यक रिति रिवाज से मुक्ति)
_——ऐसे आचरणों से आदमी
स्वतंत्र हो कर दबाव मुक्त महसूस करते हैं और सच में कहे तो वैज्ञानिक भाषा में मानव बंधन मुक्त हो जाता है इसलिए भी संत रामपाल जी महाराज बंदीछोड़ कहलाते हैं,
(3) संत रामपाल जी महाराज संस्कारों को विशेष महत्व देते हैं जो वैज्ञानिक युग में अभिनय कार्य है (जैसे झुठ नहीं बोलना, चोरी ठगी, सट्टा नहीं खेलना, सात्विक भोजन करना, माता पिता की सेवा करना, अपनी पत्नी के अलावा सभी स्त्रियों को मां बहन मानना, किसी भी तरह के तंत्र मंत्र से दूर रहना, इत्यादि)
*—— ये कार्य तो कोई वैज्ञानिक युग में दुर की बात हो गई है और संत रामपाल जी महाराज के अलावा अन्य कोई भी धर्म पंथ पुर्ण रुप से ये संस्कार प्रदान करने में सक्षम नहीं है ऐसे संस्कार युक्त जीवन स्वर्ग से बढकर है इसलिए ऐसा जीवन सत्य है जो सतलोक की अवधारणा को मजबूत करता है
(4) और खास बात यह है कि संत रामपाल जी महाराज जो मंत्र प्रदान करते हैं उसे अन्य धार्मिक गुरु नहीं मानने के लिए तर्क वितर्क करते हैं परंतु वैज्ञानिक अनुसंधान से भी साबित हो रहा है कि उनके मंत्र का उच्चारण करते रहने से शारीरिक मानसिक, शक्ति का संचार होता है और सभी दुर्गुणों का नाश होता है मतलब वैज्ञानिक तौर पर भी, रामदेव के अनुलोम-विलोम, एवं अन्य योग से हजारों नहीं करोड़ों गुना ज्यादा लाभ प्राप्त होता है
इसलिए यह बात कहने में सटीक ही है कि इस संसार के तारणहार और एक मात्र जगतगुरू और तत्वदर्शी संत सिर्फ सद्गुरुदेव रामपाल जी महाराज ही है
और उनके ये सब कार्य सत्य को मजबूत करने वाले हैं
इसलिए संत रामपाल जी महाराज सत् साहेब है
और
विरोधी किस मिट्टी के बने है कि उनके जैसे कार्य करते तो नहीं बल्कि उनके मिशन में बाधा डालने की भरपुर कोशिश कर रहे हैं
सत साहेब जी