जागो और सवाल करो इन पाखंडी धर्मगुरुओ से, जो इन बिकाऊ मीडिया चैनलो पर दिन रात पागलो की तरह सुनी सुनाई बाते भोंकते रहते है जिनकी बातो का ना कोई सार है ना सारांश।
पूछो इन पाखंडियो से :- जब द्वापर युग में वेदव्यास सहित सभी ऋषि मुनियो ने राजा परीक्षित को ये कहकर भगवत की कथा सुनाने से इनकार कर दिया था की हम ये कथा सुनाने के अधिकारी नहीं है तो फिर इस कलयुग में तुम्हे किसने भागवत और रामायण का पाठ करने का लाइसेंस दे दिया।
पूछो इन पाखंडियो से :- जब तुम्हारे तीनो भगवान् ब्रह्मा विष्णु महेश स्वयं कह रहे है की हमारी जन्म और मृत्यु होती है हम पूर्ण भगवान् नहीं है, तो फिर पूर्ण परमात्मा कौन है कैसा है कहा रहता है और कैसे मिलता है
(श्री मद देवी भागवत देवी पुराण 6 वा अध्याय, तीसरा स्कन्द, पेज नंबर 123,)
पूछो इन पाखंडियो से :- जब गीता जी मना कर रही है की व्रत करने वाले, श्राद्ध निकालने वाले और देवी देवताओ की पूजा करने वालो को ना कोई सुख होता है ना ही मारने पर उनकी गति (मोक्ष) होती है। ( 6 वा अध्याय 16 वा श्लोक)
पूछो इन पाखंडियो से :- जिन 33 करोड़ देवी देवताओ को श्री लंका के राजा रावण ने अपनी कैद में डाल रखा था फिर क्यों सदियो से हमसे बेबस देवी देवता पूजवाते आ रहे हो।
पूछो इन पाखंडियो से :- जिस स्वर्ग के राजा इंद्र ने, रावण के स्वर्ग पर हमला करके उसे हराने पर अपनी पुत्री की शादी रावण के बेटे मेघनाथ से करके अपने प्राणों की रक्षा की। फिर किसलिए हमें मारने के बाद स्वर्ग भेजने की बात करते है।
पूछो इन पाखंडियो से,:- जब दशरथ पुत्र रामचंद्र का जन्म त्रेता युग में हुआ तो फिर सतयुग में राम कौन था।
पूछो इन पाखंडियो से :- श्री कृष्ण का जन्म आज से 5500 वर्ष पहले द्वापर युग में हूवा था । जबकि त्रेता व् सतयुग के इंसान तो जानते भी नहीं थे की कृष्ण कौन है फिर ये कैसे पूर्ण भगवान् हुए।
पूछो इन पाखंडियो से :- ये कहते है की वेदों में भगवान् की महिमा है। फिर वेदों में कबीर (कविर्देव) के अलावा 33 करोड़ देवी देवताओ, राम, कृष्ण, व् ब्रह्मा विष्णु महेश दुर्गा किसी का भी नाम तक क्यों नहीं है।
पूछो इन पाखंडियो से:- गीता जी अध्याय नंबर 11 के श्लोक 32 मे श्री कृष्ण जी कहते है की अर्जुन मै काल हु और सबको खाने आया हु। श्री कृष्ण अपने को काल कह रहा है फिर ये पाखंडी उसे जबरदस्ती भगवान् क्यों बना रहे है।
और भी ना जाने कितने सवाल जिनके जवाब इनके पास नहीं है।
अब तक तो आपजी भी समझ चुके होने की संत रामपाल जी के सामने आकर ज्ञान चर्चा करने की क्यों इनकी हिम्मत नहीं होती है।
आपजी इन पाखंडियो से पूछेंगे या नहीं, ये तो आपका अपना फैसला होगा।
लेकिन हिन्दुस्तान का नागरिक होने के नाते मै आपसे पूछता हु। यदि आपजी ने अब भी विचार नहीं किया तो आप पढ़कर भी अनपढ़ रहे। इस शिक्षा से कमाया हुआ धन आपके साथ कभी नहीं जायेगा लेकिन पूर्ण संत की शरण लेकर कमाया भक्ति धन कई गुना होकर आपजी के साथ जायेगा।
जब पृथ्वी पर पूर्ण संत आ चूका है तो मत फंसो इन पाखंडियो के जाल में यदि फसे हुए हो तुरंत निकल जावो वहा से वरना ये स्वयं तो नर्क में जायेंगे ही जायेंगे तुम्हे भी साथ लेकर जायेंगे। और तुम्हारे बच्चों को भी तैयार कर जायेंगे।
यदि संत रामपाल जी को जेल में देखकर अभी भी शंका हो तो याद करलो त्रेता में रामचंद्र को भी 14 वर्ष तक जेल काटनी पड़ी थी।
सीता जी को भी 12 वर्ष तक भूखी प्यासी अधनंगे कपड़ो में रावण की जेल काटनी पड़ी थी।
द्वापर में श्री कृष्ण का तो जन्म ही जेल में हुआ था।
यदि आप इसे उनकी लीला कहते हो तो कोई बड़ी बात नहीं आने वाले समय में संत रामपाल जी का भी इतिहास बन जायेगा। लेकिन उनके चले जाने के बाद उनके आश्रमो में वे नहीं मिलेंगे केवल पश्चाताप मिलेगा।
लेकिन अभी समय है। जाग जाओ औरो को भी जगाओ भगवान् आएगा तो कोई सींग लगाकर नहीं आएगा जो अलग ही दिखाई दे। उसे ज्ञान आधार से पहचानने के लिए ही तो आज आपजी को उसने शिक्षित किया है।
पुनःप्रार्थना है चिंतन अवश्य कीजिये व् औरो को भी इस मैसेज के माध्यम से इन पाखंडियो के पाखंड से सचेत कीजिये।
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