हम सब एक भगवान की सन्तान हैं फिर धर्म के नाम पर हम को किसनें बाँट दिया ?
Please Don’t Ignore this special post.
आज अगर आपजी पर परमात्मा की दया हुई तो और उन्होंने इस पोस्ट को समझने की सद्बुद्दी दी तो आज से आपका वास्तविक मायनो में मानव जन्म शुरू होगा।
दुनिया वालो भौतिक जीवन व् इस कलयुगी साइंस ने मानव जाति के विनाश का सामान तैयार कर लिया है। अब इस विनाश को रोक पाना तुम्हारे किसी भी साइंटिस्ट और भगवान् के बूते से बाहर की बात है।
अगर बुध्दिमान हो तो अभी भी समय है। पहचान करलो अपने परमपिता की जो आज दुखी है तो सिर्फ और सिर्फ तुम्हे सुखी देखने के लिए।
समझदार वो होते है जो दूसरे की ठोकर से ही समझ जाते है वरना खुद ठोकर खाकर तो जानवर भी समझ जाता है।
कबीर साहेब कहते है।
जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा |हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा||
1. फिर आज ये धर्म के नाम पर साम्प्रदायिक झगडे क्यों ? क्यों हिन्दू को मुस्लमान और मुस्लमान को हिन्दू अलग नजरिए से देखता है अपना दुश्मन समझ बैठा है कौन है जो दोनों धर्मो को ये जहर खिला रहा है ?
2. दाड़ी रखने वाला मुस्लमान, बाल रखने वाला सिक्ख, सफाचट रखने वाला ईसाई, बाल और दाड़ी दोनों रखने वाला हिन्दू क्यों? क्या आज एक यही पहचान रह गई इंसान को मापने की। इसका जिम्मेदार कौन है ?
3. जाति पाति के आधार से इंसान के छोटेपन व् बड़ेपन की पहचान क्यों ? आखिर कौन है वो स्वार्थी जिसने समाज को ऊँच नीच की गलत परिभाषा समझाई ?
समाज देश दुनिया को अंदर से थोथला व् इंसानो के बीच द्वेष पैदा कर रही इन भयंकर बीमारियो की जड़ हम हिन्दुओ के अज्ञानी धर्म गुरु आचार्य शंकरचार्य संत महंत और और मुसलमानो के अज्ञानी मुल्ला व् काजी है। जिन्होंने हमारे धर्म ग्रंथो का रात दिन अध्ययन तो किया लेकिन इनको समझने के लिए जो तत्त्व ज्ञान चाहिए था उसके अभाव में वे नकली इनको समझ नहीं पाये । जिस कारण अपने अपने धर्म में ये अज्ञानी उल्टा ज्ञान फिट करके इतना पाखंड फैला चुके है की अब इन धर्मो के श्रदालु मान चुके है की हिन्दुओ का भगवान् और मुसलमानो का अल्लाह अलग अलग है। इन मूर्खो (संत महंत काजी मुल्ला) ने भगवान् की परिभाषा ही बदल डाली। जब इनको अपनी उलटी साधना से भगवान् नहीं मिला तो अंत में उसे निराकार साबित कर दिया। और हमने भी यही मान लिया की हमने ज्यादा विद्वान् तो हमारे धर्म गुरु है जो ये कह रहे है वो सत्य ही होगा क्योंकि उस समय हमारे पूर्वज अशिक्षित थे जिस कारन हमारे धर्म ग्रंथो (वेद व् कुरआन) में क्या लिखा है समझ नहीं सकते थे।
इस बात का इन पाखंडियो ने भरपूर फायदा उठाया जिसका खामियाजा आज हम जाति पाति व् धर्म के नाम पर हो रहे झूठे झगड़ो के रूप में उठा रहे है। मान लिया हमारे पूर्वज तो अनपढ थे लेकिन गलती आज हम पढे लिखे क्यों कर रहे है।
1. सड़क के किनारे गंदे नाले के पास फटी बोरी बिछाकर बैठे सारा दिन में गाड़ियों से उड़ने वाली 10 ग्राम धुल मिटटी खाकर खाँसते हुए भविष्य बताने वाले अनपढ़ उस ज्योतिष् के पास जाकर अपना भविष्य बताने की हाथ जोड़कर प्रार्थना करते है जिसका अपना भविष्य गोते खाँ रहा है…..क्योंकि हम EDUCATED है।
2. सारा दिन टीवी चैनलो पर अपनी रोजी रोटी व् चंद पैसो के लिए अपने जमीर को बेचकर कोई एक सुपर स्टार सिध्द शक्ति वाला लॉकेट बेचता है तो कोई साबुन बेचता है।
जिस साबुन से वो अभिनेता अपना कुत्ता भी नहीं नहलाता उस साबुन को हम बड़े च्याव से USE करते है… क्योंकि हम EDUCATED है।
3. गारंटी के साथ लंबाई बढ़ाने वाली महंगी महंगी दवाई व् कैप्सूल हम शान से आर्डर देकर घर पर मंगवाते है और कई बीमारिया पैदा करते है। लगता है आमिर खान सलमान खान गोविंदा और सचिन ये सभी इस लंबाई बढ़ाने वाली दवाई के बारे में परिचित होने के बाद भी हर फ़िल्म में व् क्रिकेट की पिच पर अभी भी पांच पांच फुट के ही दिखाई देते है। लेकिन हम फिर भी आर्डर देकर मंगवाते है…..क्योंकि हम EDUCATED है।
आज हमारे इसी बहम का फायदा की मै EDUCATED हूँ। ये। नकली गुरु उठा रहे है।
कबीर साहेब कहते है।
कोई कहै मेरा राम बड़ा है कोई कहे खुदाई रे।
कोई कहे ईसा मसीह बड़ा है ये बाटा रहे लडाई रे।
इन्होंने आज धर्म के नाम पर हमें ही नहीं बल्कि हमारे भगवान् को भी बाट दिया की हिन्दुओ का राम, मुसलमानो का अल्लाह और ईसाइयो का गॉड है। हिन्दुओ को वेद दे दिए, मुसलमानो को कुरान सरीफ, ईसाई को बाइबल और सिक्खो को गुरु ग्रन्थ साहेब।
लगता है अंग्रेजो ने भी भारत पाकिस्तान को अलग अलग करके फूट डालो और राज करो की गन्दी राजनीती इन हमारे आदरणीय धर्म गुरुओ से ही सीखी होगी जिसका परिणाम विनाश के अलावा और कोई नहीं हो सकता है। लेकिन आज वास्तव में यदि हम शिक्षित है तो हमें समझना होगा की हिन्दू और मुसलमान दो नहीं है हम एक ही पिता की संतान है हम भाई भाई है और हमारा भगवान् भी एक ही है जिसके नाम अनेक है चाहे उसे राम कहो अल्लाह कहो गॉड कहो या प्रभु कहो वो वास्तव में एक ही है।
जैसे एक व्यक्ति के छोटे छोटे चार पुत्र है और जब श्याम के समय वह व्यक्ति घर पर आता है तो बाहर खेलते हुए बच्चे जब दूर से ही उसे देखते है तो एक बोलता है-
1. देखो मेरा पापा आ रहा है।
2. दूसरा कहता है नहीं, ये तेरा पापा नहीं ये तो मेरा अब्बु है।
3. तीसरा कहता है नहीं ये तो मेरा डैडी है।
4. और चौथा कहता है नहीं ये तो मेरा फादर है।
अब कैसे समझाए उन नादान बच्चों को की वो तो उन सबका ही पिता है, उन्होंने ने ही अपनी मूर्खता के चलते उसे बाट लिया है। चलो वे बच्चे तो नादान है अभी इतने समझदार नहीं हुए। लेकिन हम तो आज अपने आप को बहुत बड़े शिक्षित और समझदार समझते है। फिर इस बात को क्यों नहीं समझ पा रहे है। इसका मुख्य कारण आध्यात्मिक शिक्षा का अभाव रहा। जिसकी डिग्री हमारे अज्ञानी धर्म गुरु देने में सक्षम नहीं है क्योंकि इनके स्वयं के पास अभी तक वो डिग्री नहीं है।
देश के शिक्षित नागरिको व् दोनों ही धर्म के भाई बहनो विचार करो कलयुग से पहले ना कोई हिन्दू था ना मुसलमान ना सिक्ख ना ईसाई। अगर ये आज भगवान् ने बनाये होते तो पहले भी होते।
फिर क्यों पहले हिन्दू धर्म, 2500 साल पहले ईसाई धर्म, 1600 साल पहले मुस्लिम धर्म, 550 साल पहले जैन धर्म और 300 साल पहले सिक्ख धर्म बना।
ये काल प्रभाव से इन अज्ञानी धर्म गुरुओ की समाज को दी हुई एक ऐसी चक्की है जिसमे हम शिक्षितों को रोज पीसा जाता है। फिर भी हमारी बुद्दी ठिकाने नहीं आ रही है।
1. एक हिन्दू अगर सर पर सफ़ेद जालीदार टोपी और दाड़ी के ऊपर हल्की से मूछें कटवाकर बाहर घूमने जाए तो लोग कहेंगे वालेकुम सलाम भाई जान।
2. एक मुसलमान यदि दाड़ी मूँछ साफ़ करवाकर पैंट शर्ट पहनकर बाहर निकले तो लोग कहेंगे राम राम भाई साहब।
बस इतनी ही पहचान है हिन्दू और मुसलमान की। अरे भाई कब तक धर्म के नाम पर ये बच्चों जैसे नाटक करके हम यूही लड़ते रहेंगे और इन पाखंडी धर्म गुरुओ के हाथ की कटपुतली बनकर नाचते रहेंगे। इस आध्यात्मिक तत्त्व ज्ञान का एक मात्र सतगुरु आज पूरे विश्व में केवल एक ही है।
जिसका नारा है-
जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा । हिन्दू मुस्लिम सिख -ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा ।।
जिसने आज भारत ही नहीं अपितु विश्व में सभी धर्म गुरुओ व् शंकराचार्यो को टीवी चैनलो व् समाचार पत्रो के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा के लिए आमंत्रित कर रखा है। लेकिन उनके सामने आना तो दूर उनके आमंत्रण का जवाब तक देने की आज तक किसी ने हिम्मत नहीं की।
जब कोई भी धर्म गुरु उनके सामने ज्ञान चर्चा में लिए नहीं आये तो उन्होंने उन सभी के ज्ञान की DVD बनाकर समाज को दे रखी है जिसको देखने के बाद उनके झूठे ज्ञान की पोल तुरंत खुल जाती है ये सभी DVD आपजी निचे दी हुई वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते है।
सत्संग व् अन्य जानकारियो के लिए visit करे। www.jagatgururampalji.org
इन महापुरुष को समझने के लिए पहले अपना झूठा अभिमान, मान बड़ाई, व् अपने आपको कुछ समय के लिए इन धर्म व् जातियो के बंधनो से बाहर निकल कर उनका ज्ञान समझना होगा उनके सतसंग सुनने होंगे। और अगर समझ में आ गई तो आपजी स्वयं कहोगे की वास्तविक अर्थो में मेरा जीवन तो इनसे जिस दिन नाम दीक्षा लूंगा उस दिन से शुरू होगा।
उस महापुरुष के द्वारा सभी धर्म ग्रंथो का सार निकालकर लिखी गई अनमोल धार्मिक पुष्तक ज्ञान गंगा अपने घर पर निःशुल्क मंगवाने के लिए अपना पूरा नाम व् पता निम्न नंबरो 82228 80541,42,43 पर मैसेज करे।
साधना टीवी पर देखिये रोजाना सायं 7:40 से 8:40 तक तत्त्व ज्ञान से भरपूर मंगल प्रवचन।
|| सत् साहेब ||