शरण पड़े को सतगरू संभाले, जानकर बालक भोला रे ।
—— सेवा व दर्शनों का अर्थ —— एक बार गुरु जी का सत्संग प्रोग्राम था।गुरु जी सत्संग के बाद स्टेज पर बैठकर ही संगत को दर्शन देते थे,ताकि संगत को कोई भी परेशानी ना हो। उस दिन दर्शनों के बाद…
—— सेवा व दर्शनों का अर्थ —— एक बार गुरु जी का सत्संग प्रोग्राम था।गुरु जी सत्संग के बाद स्टेज पर बैठकर ही संगत को दर्शन देते थे,ताकि संगत को कोई भी परेशानी ना हो। उस दिन दर्शनों के बाद…
• भारतीय बाबाओ के काले कारनामे : बच के रहना रे बाबा राम रहीम: शोषण में घिरे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह को सीबीआई ने एक रेप केस में आरोपी बनाया है। इस पर यह भी आरोप…
• आसाम में स्थित कामख्या मंदिर- योनि पुजन एक समय पार्वती जी नेअपने पिता दक्ष के हवन कुंड में कूद कर आत्महत्या कर ली। शिवजी मोहवश हजारों सालो तक पार्वती के जले हुए शव को कंधे पर लादे घूमते रहे।विष्णु…
• दंग रह जाती हैं दुनिया जब देखती हैं ऐसे अद्धभुत शादी के नजारे 20 अप्रैल 2017सिरसा, हरियाणा । हिंदुस्तान में दहेज को लेकर लाखो बेटियों की जान गई है और इस कुप्रथा का जवाब देने के लिए संत रामपाल…
• बिना दान दहेज के होती हैं सादगीपूर्ण शादी 15 अप्रैल 2017 मुंडका, दिल्ली। जैसा की आप सब जानते हैं हिंदुस्तान में जिस तरह से विवाह होते हैं जिस तरह से विवाह के लिए पैसे इकट्ठे…
• दंग रह गई दुनिया जब देखा ऐसा अद्भुत शादी का नजारा-मध्यप्रदेश का सुप्रसिद्ध क्षेत्र पश्चिम निमाड़ 15 अप्रैल 2017 । जिसको वर्तमान में जिला खरगोन नाम से जाना जाता है जिसके गांव सिपटान मे रोशनी एवं नंदकिशॊर का विवाह इतनी…
गद्दी तथा महन्त परम्परा की जानकारी महन्त व गद्दी परम्परा की जानकारी:- किसी एकांत स्थान पर या शहर व किसी गाँव में कोई महान आत्मा सन्त या साधक रहा करता था। उसके शरीर त्यागने के पश्चात् उसकी याद बनाए रखने…
• स्वर्ग की क्या परिभाषा है उदाहरणार्थ स्वर्ग को एक होटल (रेस्टोरेंट) जानों। जैसे कोई धनी व्यक्ति गर्मियों के मौसम में शिमला या कुल्लु मनाली जैसे शहरों में ठण्डे स्थानों पर जाता है। वहाँ किसी होटल में ठहरता है। जिसमें…
1 ब्राह्मण का राज उनके ज्ञान पर नहीं तुम्हारे अज्ञान पर टिका है। ब्राह्मण तुमसे पेड़ पुजवा सकता है, पत्थर पुजवा सकता है, धरती, आकाश, जल, अग्नि, वायु, देहरी (चौखट), तस्वीर, लोहा, ईंट, पशु, पक्षी या जो कुछ भी उसे…
स संकट मोचन कबीर साहेब हैं । कर्म कष्ट (संकट) होने पर कोई अन्य ईष्ट देवता की या माता मसानी आदि की पूजा कभी नहीं करनी है। न किसी प्रकार की बुझा पड़वानी है। केवल बन्दी छोड़ कबीर साहिब को…