सत्यार्थ प्रकाश से निराशाजनक किताब कोई नही – महात्मा गाँधी (भाग-12)
महाअज्ञानी दयानन्द पर महात्मा गाँधी जी के विचार गांधी जी अपने अख़बार ‘यंग इंडिया‘ में लिखते हैं- ‘‘मेरे दिल में दयानन्द सरस्वती के लिए भारी सम्मान है। मैं सोचा करता हूं कि उन्होंने हिन्दू धर्म की भारी सेवा की…