शिव जी पूर्ण भगवान नहीं हैं ?
विचार करें-
भगवान उसे कहते जो अविनासी है जिनकी कभी मृत्यु नहीं होती और उन्हें मारने मे कोई सक्षम न हो कोई उसे मार न सके और जो अंतर्यामी हो ।
निष्कर्ष – शिव जी ने भस्मा सुर को भस्म कड़ा वरदान दे दिया भस्मासुर की नियत थी की माता पार्वती ने पत्नी बनाऊंगा और शिव जी को मारूँगा अगर शिव जी अंतर्यामी होते तो भस्मासुर को वर ही नहीं देते अतः ये अंतर्यामी नहीँ हैं ।
दूसरी बात जब वर दे ही दिया तो भस्मासुर उनको मारने दौड़ा तो शिव जी भाग गये अगर अविनासी होते तो भागते ही नहीँ अतः शिव जी अविनासी भी नहीँ हैं इसलिए वो कम्पलीट गॉड नहीँ हैं ।
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पूर्ण परमात्मा है कोन जिनको वेद बताए पूर्ण परमात्मा वही है और उनकी लीला भी परमात्मा वाली हो कविर्देव ही पूर्ण परमात्मा है ।
विचार करे–
जब कविर्देव काशी शहर मे 120 साल तक रहे तब उन पर जालिमो ने 80 तरह के तरीके अपनाये उनको मारने के लिए लेकिन नहीँ मरे उनकी एक लीला आती है उन पर 24 घंटे तक गोले दागे गए थे लेकिन एक भी नही लगा शेखतक़ी ने उनको मारने के लिए गुंडे भेजे 7 टुकड़ा कर दिए जब वो जाने लगे तो कविर्देव उठे और बोले बच्चों कुछ खा पीकर जाओ इतने जुल्म होने पर भी उन्होंने किसी को कुछ नहीँ कहा ।
कविर्देव परमात्मा कहा करते थे ये सभी हमारे ही बच्चे है इनको काल ने भुला दिया और हमसे दूर कर दिया ये हमे पहचान नही रहे जब पहचानेंगे तो दौड़ते हुए आएंगे ।
वेद की वाणी – कबीरजी ही भगवान हैं।।
ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 17
ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 18
ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 19
ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 20
ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 3
ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 4
ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 5
ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 15
ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 16
यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 26
यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 30
यजुर्वेद अध्याय 29 मंत्र 25
सामवेद संख्या नं 359 अध्याय 4 खण्ड 25 श्लोक 8
सामवेद संख्या नं1400 अध्याय 12 खण्ड 3 श्लोक 5
अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 1
अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 2
अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 3
अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 4
अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 5,6,7
श्रीमद्भागवतगीता में प्रमाण
अध्याय 8 श्लोक 9
अध्याय 15 श्लोक 17
अध्याय 18 श्लोक 62,66
क़ुरान शरीफ में प्रमाण
सूरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 गुरुग्रंथ साहिब मेंप्रमाण
गुरुग्रंथ साहिब पृष्ठ नं 721 महला 1
गुरुग्रंथ साहिब के राग “सिरी”महला 1 पृष्ठ नं 24
गुरुग्रंथ साहिब राग आसावरी,महला 1 पृष्ठ नं 350,352,353,41
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