गद्दी तथा महन्त परम्परा की जानकारी
महन्त व गद्दी परम्परा की जानकारी:- किसी एकांत स्थान पर या शहर व किसी गाँव में कोई महान आत्मा सन्त या साधक रहा करता था। उसके शरीर त्यागने के पश्चात् उसकी याद बनाए रखने के लिए उनके शरीर के अन्तिम संस्कार स्थल पर एक पत्थर या ईंटों की यादगार बना दी जाती है। फिर उस पवित्रात्मा के अनुयाई या वंशज उसकी पत्थर की मूर्ति रख लेते हैं। कुछ समय उपरान्त श्रद्धालु जाते हैं। कुछ धन दान करने लग जाते हैं। उसे मन्दिर का रूप दे देते हैं तथा उस संत व ऋषि के वंशजों को धन उपार्जन का लालच हो जाता है।
वे बहकाना प्रारम्भ करते हैं कि जो यहाँ दर्शन करने आता है उसको पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है। सर्व लाभ मिलते हैं जो इसी महापुरूष के जीवन काल में शिष्यों को मिलते थे। यह मूर्ति साक्षात् उसी संत जी को ही जानों। जो यहाँ नहीं आएगा उसका मोक्ष संभव नहीं आदि-आदि।
उनमें देखा कि:-
अनअधिकारी कथा-पाठ करे व दीक्षा देवें, बहुत करत गुनाह।
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